नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री

परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता, पारदर्शिता, विश्वसनीयता के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता, पारदर्शिता, विश्वसनीयता के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि नकलविहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर नकल पाए जाने पर सम्बन्धित जिला अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य तथा केन्द्र अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। डिबार परीक्षा केन्द्रों को दोबारा परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए। नकल माफिया एवं अन्य नकल कराने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएउन्होंने कहा कि स्वयं संवेदनशील केन्द्रों का भ्रमण कर निरीक्षण करें।


राज्य सरकार नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता, पारदर्शिता, विश्वसनीयता के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि नकलविहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर नकल पाए जाने पर सम्बन्धित जिला अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य तथा केन्द्र अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे।


डिबार परीक्षा केन्द्रों को दोबारा परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए।  हाईस्कूल की परीक्षा 28 फरवरी, 2019 को तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षा 02 मार्च, 2019 को समाप्त होगी। 


किसी भी परीक्षा केन्द्र पर नकल पाए जाने पर सम्बन्धित जिला अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य तथा केन्द्र अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे नकलविहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए नकल माफिया एवं अन्य नकल कराने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए ।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परीक्षा केन्द्र के बाहर समाज विरोधी तत्वों अथवा वाह्य व्यक्तियों को एकत्र न होने दें। इसके लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू करने के साथ सभी अन्य एहतियाती उपाय किए जाएं। परीक्षा केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में आवश्यकता पड़ने पर निषेधाज्ञा लागू की जाए। शान्ति व्यवस्था बनाए रखने तथा केन्द्रों पर अवांछित भीड़ न इकट्ठा होने देने का कार्य उपजिलाधिकारियों/नगर मजिस्ट्रेटों/कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को दिया जाए, जो पुलिस दल के साथ अपने क्षेत्र के परीक्षा केन्द्रों का नियमित दौरा करें। परीक्षा केन्द्रों के पास ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया जाए।


परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार के शस्त्र आदि लेकर परीक्षा स्थल पर आने की अनुमति न दी जाए। परीक्षा केन्द्रों के बाहर समाज विरोधी तत्वों एवं नकल में संलिप्त बाहरी व्यक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्रों पर सशस्त्र बल की व्यवस्था करायी जाए। अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार एस0टी0एफ0 तैनात कर नकलविहीन परीक्षाएं सम्पादित करायी जाएं।


परीक्षा केन्द्रों के औचक निरीक्षण के दौरान वॉयस रिकॉर्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरा के प्रभावी रूप से कार्य करने की जांच अवश्य की जाए। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर वॉयस रिकॉर्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 रिकॉर्डिंग की जांच नियमित रूप से अवश्य की जाए। परीक्षा केन्द्र परिसर के अंदर मोबाइल फोन, कैलकुलेटर अथवा ऐसी कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जिसे अनुचित साधन के रूप में प्रयोग की आशंका हो, ले जाने की अनुमति कदापि न दी जाए।


किसी भी दशा में विषय से सम्बन्धित अध्यापक अपने विषय से सम्बन्धित परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षक का कार्य नहीं करें। परीक्षा केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान सचल दल अधिकारी यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि शान्तिपूर्वक परीक्षा दे रहे किसी भी परीक्षार्थी को अनावश्यक परेशानी न हो, और न ही उन्हें किसी प्रकार से भयभीत किया जाए।


 


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