चिकित्सीय सेवा का प्राण -संवेदना....

बलरामपुर चिकित्सालय के 150वें स्थापना दिवस समारोह 



लखनऊ। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सीय सेवा का प्राण संवेदना है। रोग के उपचार में दवा के साथ-साथ रोगी के साथ चिकित्सक के व्यवहार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। चिकित्सक का रोगी के साथ सहानुभूतिपूर्ण एवं संवेदनशील व्यवहार उसके शीघ्र उपचार में सहायक होता है। बीमार के साथ डॉक्टर का व्यवहार जितना संवेदनशील रहेगा, ठीक हो जाने के उपरान्त उसे उतनी ही दुआ मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बलरामपुर चिकित्सालय के 150वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बलरामपुर अस्पताल की स्थापना वर्ष 1869 में हुई थी। बलरामपुर के महाराजा  भगवती प्रसाद सिंह जी ने इसका विस्तार कराया था। तीन चिकित्सकों से प्रारम्भ हुए बलरामपुर चिकित्सालय ने लम्बी यात्रा की है।


चिकित्सक का रोगी के साथ सहानुभूतिपूर्ण एवं संवेदनशील व्यवहार उसके शीघ्र उपचार में सहायक...


प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख मरीजों का इलाज होता है...यह चिकित्सालय प्रदेश की स्वारथ्य सुविधाओं की रीढ़ माना जाता रहा है। वर्तमान में यहां अनेक चिकित्सकीय सुविधाएं एवं 94 चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ उपलब्ध हैं। यहां की ओ0पी0डी0 में प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख मरीजों का इलाज होता है। इसमें से लगभग 10 लाख नये मरीज होते हैं।


बलरामपुर अस्पताल समय के साथ सक्षम और प्रभावी होता गया है : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री



बलरामपुर अस्पताल की चिकित्सा के क्षेत्र में एक गौरवशाली परम्परा रही है। बिना किसी भेदभाव के इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे चिकित्सकों और अन्य कार्मिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं होताउन्होंने कहा कि अतीत की परम्परा से गौरवान्वित होने के साथ ही वर्तमान की चुनौतियों को पहचानना भी आवश्यक है। इसके लिए संस्थान में उपलब्ध चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं और उनकी गुणवत्ता को बढ़ाया जाना भी आवश्यक है। इसके लिए यहां विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। 


प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं... विगत लगभग 2 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। बहुत कम समय में वेंटिलेटर युक्त 150 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस संचालित की गयी हैं। '108' एम्बुलेंस सेवा को और प्रभावी बनाया गया है। संचारी रोग पखवाड़े के माध्यम से इंसेफ्लाइटिस सहित वेक्टरजनित रोगों को नियंत्रित किया गया है।


मुख्यमंत्री ने बलरामपुर चिकित्सालय में स्थापित 16 स्लाइस सी0टी0 स्कैन मशीन, नवीन वृद्धजन वार्ड तथा नवनिर्मित आई0सी0यू0 का लोकार्पण एवं नवीन एम0आर0आई0 मशीन हेतु भवन का शिलान्यास किया....


मिशन इन्द्रधनुष के माध्यम से विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया है। जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। इन व्यवस्थाओं को संचालित करने के लिए संवेदनशील डॉक्टर और स्टाफ चाहिए, जो पूरी सजगता और संवेदना के साथ कार्य कर सके। 


चिकित्सीय सेवा का प्राण संवेदना है : मुख्यमंत्री


समारोह को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बलरामपुर अस्पताल समय के साथ सक्षम और प्रभावी होता गया है।  विगत दो वर्षों में इस चिकित्सालय में सकारात्मक बदलाव हुआ है। यहां पर डिजिटल एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउण्ड मशीन, डायलिसिस सेण्टर, आधुनिक डेण्टल केयर यूनिट, 24 घण्टे संचालित आधुनिक पैथोलॉजी लैब स्थापित किये गये हैं इस संस्थान में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत मरीजों के इलाज का सराहनीय कार्य किया जा रहा है।


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी... अस्थि रोग से सम्बन्धित हिप रिप्लेसमेंट जैसी जटिल एवं महंगी सर्जरी भी आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क रूप से रोगियों को सुलभ करायी गयी है। प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं में इस तरह की जटिल अस्थि रोग सर्जरी की सुविधा सिर्फ इसी संस्थान में ही उपलब्ध है।  मुख्यमंत्री  ने बलरामपुर चिकित्सालय में स्थापित 16 स्लाइस सी0टी0 स्कैन मशीन, नवीन वृद्धजन वार्ड तथा नवनिर्मित आई0सी0यू0 का लोकार्पण एवं नवीन एम0आर0आई0 मशीन हेतु भवन का शिलान्यास किया।



मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन्होंने बलरामपुर चिकित्सालय के 150वें स्थापना दिवस पर प्रकाशित पत्रिका का विमोचन भी किया। । इस लैब में प्रतिमाह लगभग 9 लाख टेस्ट हो रहे हैं। कार्यक्रम के अन्त में, बलरामपुर चिकित्सालय के निदेशक डॉ0 राजीव लोचन ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  प्रशान्त त्रिवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सकगण उपस्थित थे।


टिप्पणियाँ